रास्तो से मंजिल की और......

मैं तो हर चेहरे पर खुशिया छोड़ जाऊँगा

  मैं तो हर चेहरे पर खुशिया छोड़ जाऊँगा,
अब जो निकल ही गया हूँ तो दूर तलक जाऊंगा।

अपनी आँखों मे लिए इन ख्वाबों को मेरे,
धरती आसमा के सफ़े मंज़िल तक पहुच जाऊँगा।

मुझे कभी भुलाने की तक़रीर न करना,
हर शख्स के दिल मे छाप छोड़ जाऊंगा।

आसमा को भी कर दे रोशन कुछ ऐसा कर "सोहा"
मैं हर दिए कि रोशनी बन जाऊंगा।

अब जो निकला हूँ तो दूर तलक जाऊंगा।

शोभना व्यास "सोहा "

शब्दावली 
:- 
तक़रीर -कोशिश 
सफे-रास्ते

Comments

  1. शानदार.. अब जो निकला हूँ तो दूर तलक जाऊंगा। बहुत दूर तक जाये आप हमारी शुभकामनाएं हैं

    ReplyDelete
  2. Very well directed all d best

    ReplyDelete

Post a Comment

Popular posts from this blog

कृष्ण-रुक्मणी संवाद (Covid-19)

पीहर

माँ