पीहर
मन हर्षो उल्लास से भर लेती है,
जब कोई लड़की पीहर को चलती है।
कुछ दिनों की बेपरवाही को जीने,
जिंदगी में खुशियो की ऊर्जा भरने निकल पड़ती है।
जब कोई लड़की......
न रात को सोने की फिकर ,
न सुबह जागने की परवाह करती है।
जब कोई लड़की........
यु हो जाता है दिल कुछ बचपन सा,
पापा से जिद,माँ से फरमाइश किया करती है।
जब कोई लड़की……….
ये सोच के की जाना है अपने आँगन ,
पिया को याद कर मुस्कुराती है,
फिर आना है गर्मी की छुटियों में ये सोच कर इठलाया करती है।
जब कोई लड़की पीहर को चलती है।।
लेखक
शोभना व्यास (सोहा )
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ReplyDeleteजब कोई लड़की पीहर को चलती है,
ReplyDeleteसर्वश्रेष्ठ रचना ����������
गर्व है आप पर
सिद्धार्थ शुक्ल
Superb
ReplyDeleteBeautiful lines.
ReplyDeleteSuperb, Best one of your collection..
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