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याद

याद  याद आ रही है आज उनकी बहुत , उनको भी आ रही होगी याद हमारी बहुत। ये मौसम ही कुछ मदहोश कर रहा है,     इस बारिश में आज भीगने को जी कर रहा है। ये ठंडी हवाए जुल्फों को मेरी उड़ाए, नजरे बस उनको ही ढूंढना चाहे। बिन गीत और साज के ये पायल क्यों  दे झंकार चुडियो की खन खन क्यों उनका ही नाम ले। जो हाल इस दिल का है वो हाल उनका भी होगा, सपना कोई नया आखो में उनकी भी सज रहा होगा। Shobhna Vyas (सोहा)
एहसास जुबा से कम ही काम लेता हूँ।                             नजर आते ही उनको नजरो से बाँध लेता हूँ। फिर शुरू होती है    आँखो ही आँखो में                                                                      अनकही बाते । कुछ कहूँ या न कहूँ , ये सोचकर दिल थाम लेता हूँ। यु   अचानक   नजरे   झुकाकर   तोड़ दी बे जुबा बातो की लड़ी। पलकों को गिराकर   फिर उठाना   बिना कुछ कहे सबकुछ कह जाना। पलकों को मूँद कर , अनकहे होठो को विराम देता हूँ। Shobhna vyas(Soha)
दोस्तों लो आज फिर नया अफ़साना ले आए,अपनी कलम से आज दर्द का फ़साना लिख लाये………….. दर्द यु न देखो मुझे की में टुट जाऊंगा , आज जो बिखरा तो फिर सिमट न पाउँगा । कहने को तो साथ चलती हे ये हवाए भी , पर इस राह पर तो साया भी साथ छोड़ जायेगा । क्या पाया हमने और क्या खो दिया कोई न समज़ पायेगा , टुटा है दिल ऐसे की फिर जुड़ न पायेगा। पूछते हो दिल का हाल मेरे, में कैसे ये बतलाऊंगा , दर्द देकर भी अनजान है जो में, उनका नाम कैसे कह   पाउँगा।                                                                                                                                       Shobhna vyas(Soha)