पीहर
पीहर मन हर्षो उल्लास से भर लेती है , जब कोई लड़की पीहर को चलती है। कुछ दिनों की बेपरवाही को जीने , जिंदगी में खुशियो की ऊर्जा भरने निकल पड़ती है। जब कोई लड़की ...... न रात को सोने की फिकर , न सुबह जागने की परवाह करती है। जब कोई लड़की ........ यु हो जाता है दिल कुछ बचपन सा , पापा से जिद , माँ से फरमाइश किया करती है। जब कोई लड़की ………. ये सोच के की जाना है अपने आँगन , पिया को याद कर मुस्कुराती है , फिर आना है गर्मी की छुटियों में ये सोच कर इठलाया करती है। जब कोई लड़की पीहर को चलती है।। लेखक शोभना व्यास (सोहा )