माँ
"क्या सीरत क्या सूरत है वो तो ममता की मूरत है
पाँव छुए और काम हो गया माँ खुद में शुभ मुहूर्त है!"
Happy Mother's Day
माँ पर कुछ लिख पाना सम्भव नहीं है,लेकिन अपनी भावनाओ को चंद पंक्तियों में बया करने की कोशिश की है।........
"माँ "
में कैसे कहु माँ क्या होती है,
ईश्वर का ही कोई रूप माँ होती है।
मेरे आँसुओ को जो आँचल से पोछ देती है,
मेरी तुतलाती जुबा के हर शब्द को माँ थाम लेती है।
में कैसे कहु माँ क्या होती है.......
मेरी चिंताओ को जो पल भर में दूर कर देती है,
माँ अपनी गोद में बीठा हर प्रश्न हल कर देती है।
में कैसे कहु माँ क्या होती है.......
नन्हे बढ़ते मेरे कदमो को गिरने पे थाम लेती है
रात के अँधेरे मेरे पास माँ होती है।
में कैसे कहु माँ क्या होती है.......
अपनी ममता का हाथ जो मेरे सर पे रख देती है
माँ मेरी सारी बलाए दूर कर देती है।
में कैसे कहु माँ क्या होती है,
ईश्वर का ही कोई रूप माँ होती है।
शोभना व्यास (सोहा)
Superb,happy mothers day..
ReplyDeleteAmazing di
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